Tuesday, July 23, 2019

हनुमान जी की आरती हिंदी/संस्कृत लिरिक्स | Hanuman ji ki Arti in Hindi/sanskrit


आरती कीजै हनुमान लला की।
दुष्ट दलन रघुनाथ कला की॥
जाके बल से गिरिवर कांपे।
रोग दोष जाके निकट न झांके॥
अंजनि पुत्र महाबल दाई।
सन्तन के प्रभु सदा सहाई॥
दे बीरा रघुनाथ पठाए।
लंका जारि सिया सुधि लाए॥
लंका सो कोट समुद्र-सी खाई।
जात पवनसुत बार न लाई॥
लंका जारि असुर संहारे।
सियारामजी के काज सवारे॥
लक्ष्मण मूर्छित पड़े सकारे।
आनि संजीवन प्राण उबारे॥
पैठि पाताल तो रिजम-कारे।
अहिरावण की भुजा उखारे॥
बाएं भुजा असुर दल मारे।
दाहिने भुजा संतजन तारे॥
सुर नर मुनि आरती उतारें।
जय जय जय हनुमान उचारें॥
कंचन थार कपूर लौ छाई।
आरती करत अंजना माई॥
जो हनुमानजी की आरती गावे।
बसि बैकुण्ठ परम पद पावे॥


हनुमान गायत्री मंत्र हिंदी/संस्कृत लिरिक्स




 ओम् आंजनेयाय विद्मिहे वायुपुत्राय धीमहि |

तन्नो: हनुमान: प्रचोदयात ||1||
ओम् रामदूताय विद्मिहे कपिराजाय धीमहि |
तन्नो: मारुति: प्रचोदयात ||2||
ओम् अन्जनिसुताय विद्मिहे महाबलाय धीमहि |
तन्नो: मारुति: प्रचोदयात ||3||

हनुमान चालीसा का सिद्ध प्रयोग

हम सभी गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित हनुमान चालीसा की शक्ति और चमत्कार जानते है और आवशयकता अनुसार इसका प्रयोग करते है.
आज हम आपको हनुमान चालीसा का 1 सिद्ध प्रयोग (Hanuman Chalisa ke Sidh Prayog) बता रहे है जिसको करने से आपकी सभी मनोकामना भगवन हनुमान पूरी करते है.
इस हनुमान चालीसा के सिद्ध प्रयोग को किसी भी मंगलवार या शनिवार को ही चालू करे और लगातार ७ मंगलवार या शनिवार करे|

प्रयोग सामग्री

  • पीपल के 11 पत्ते
  • 11 लाल गुलाब
  • लाल चन्दन
  • 1 नारियल
  • 2 लौंग
  • मिटटी का दिया
  • सरसो का तेल
  • बनारसी पान का बीड़ा
  • 375 ग्राम मीठी बूंदी
प्रयोग विधि

  • मिटटी के दिए मै सरसो का तेल डाल कर उसमे २ लौंग डाल कर प्रज्वलित कर ले
  • 375 ग्राम मीठी बूंदी मिटटी के प्याले मैं डाल कर हनुमानजी को भोग लगा दे
  • बनारसी पान का बीड़ा हनुमानजी को अर्पित कर दे
  • नारियल पर लाल चन्दन से स्वस्तिक का चिन्ह बनाकर हनुमानजी को अर्पित कर दे
  • पीपल के 11 पत्ते लेकर साफ जल से धो लें। इन पत्तों पर लाल चंदन से प्रभु श्रीराम का नाम लिखें।
  • इसके बाद ११ बार हनुमान चालीसा का पाठ करे
  • हर हनुमान चालीसा के पाठ की समापती के बाद १ गुलाब का फूल और १ पीपल का पत्ता हनुमानजी को चढ़ा दे
  • अंत मै लौंग वाले दिए से हनुमानजी की आरती करे


सालासर हनुमान आरती हिंदी/संस्कृत लिरिक्स



जयति जय जय बजरंग बाला, कृपा कर सालासर बाला
चैत सुदी पूनम को जन्मे, अंजनी पवन ख़ुशी मन में
प्रकट भये सुर वानर तन में, विदित यस विक्रम त्रिभुवन में
 दूध पीवत स्तन मात के, नज़र गई नभ ओर
तब जननी की गोद से पहुंचे, उदयाचल पर भोर
 अरुण फल लखी रवि मुख डाला
कृपा कर सालासर बाला
 तिमिर भूमंडल में छाई, चिबुक पर इन्द्र ब्रज बाए
तभी से हनुमत कहलाए, द्वय हनुमान नाम पाए
 उस अवसर में रुक गयो, पवन सर्व उन्चास
इधर हो गयो अन्धकार, उत रुक्यो विश्व को श्वास
 भये ब्रम्हादिक बेहाला कृपा कर सालासर बाला
जयति जय जय बजरंग बाला, कृपा कर सालासर बाला

संकट मोचन हनुमान अष्टक हिंदी/संस्कृत लिरिक्स



बाल समय रवि भक्षी लियो तब,
तीनहुं लोक भयो अंधियारों I
ताहि सों त्रास भयो जग को,
यह संकट काहु सों जात न टारो I
देवन आनि करी बिनती तब,
छाड़ी दियो रवि कष्ट निवारो I
को नहीं जानत है जग में कपि,
संकटमोचन नाम तिहारो I
बालि की त्रास कपीस बसैं गिरि,
जात महाप्रभु पंथ निहारो I
चौंकि महामुनि साप दियो तब ,
चाहिए कौन बिचार बिचारो I
कैद्विज रूप लिवाय महाप्रभु,
सो तुम दास के सोक निवारो I को
अंगद के संग लेन गए सिय,
खोज कपीस यह बैन उचारो I
जीवत ना बचिहौ हम सो जु ,
बिना सुधि लाये इहाँ पगु धारो I
हेरी थके तट सिन्धु सबे तब ,
लाए सिया-सुधि प्राण उबारो I को
रावण त्रास दई सिय को सब ,
राक्षसी सों कही सोक निवारो I
ताहि समय हनुमान महाप्रभु ,
जाए महा रजनीचर मरो I
चाहत सीय असोक सों आगि सु ,
दै प्रभुमुद्रिका सोक निवारो I को
बान लाग्यो उर लछिमन के तब ,
प्राण तजे सूत रावन मारो I
लै गृह बैद्य सुषेन समेत ,
तबै गिरि द्रोण सु बीर उपारो I
आनि सजीवन हाथ दिए तब ,
लछिमन के तुम प्रान उबारो I को
रावन जुध अजान कियो तब ,
नाग कि फाँस सबै सिर डारो I
श्रीरघुनाथ समेत सबै दल ,
मोह भयो यह संकट भारो I
आनि खगेस तबै हनुमान जु ,
बंधन काटि सुत्रास निवारो I को
बंधू समेत जबै अहिरावन,
लै रघुनाथ पताल सिधारो I
देबिन्हीं पूजि भलि विधि सों बलि ,
देउ सबै मिलि मन्त्र विचारो I
जाये सहाए भयो तब ही ,
अहिरावन सैन्य समेत संहारो I को
काज किये बड़ देवन के तुम ,
बीर महाप्रभु देखि बिचारो I
कौन सो संकट मोर गरीब को ,
जो तुमसे नहिं जात है टारो I
बेगि हरो हनुमान महाप्रभु ,
जो कछु संकट होए हमारो I को
दोहा
लाल देह लाली लसे , अरु धरि लाल लंगूर I
वज्र देह दानव दलन , जय जय जय कपि सूर II


Panchmukh Hanuman Kavach | पंचमुख हनुमान कवच |


श्री गणेशाय नम: |
ओम अस्य श्री पंचमुख हनुम्त्कवच मंत्रस्य ब्रह्मा रूषि:|
गायत्री छंद्: |
पंचमुख विराट हनुमान देवता| र्‍हीं बीजम्|
श्रीं शक्ति:| क्रौ कीलकम्| क्रूं कवचम्|
क्रै अस्त्राय फ़ट्| इति दिग्बंध्:|
श्री गरूड उवाच्||
अथ ध्यानं प्रवक्ष्यामि|
श्रुणु सर्वांगसुंदर| यत्कृतं देवदेवेन ध्यानं हनुमत्: प्रियम्||||
पंचकक्त्रं महाभीमं त्रिपंचनयनैर्युतम्| बाहुभिर्दशभिर्युक्तं सर्वकामार्थसिध्दिदम्||||
पूर्वतु वानरं वक्त्रं कोटिसूर्यसमप्रभम्| दंष्ट्राकरालवदनं भ्रुकुटीकुटिलेक्षणम्||||
अस्यैव दक्षिणं वक्त्रं नारसिंहं महाद्भुतम्| अत्युग्रतेजोवपुष्पंभीषणम भयनाशनम्||||
पश्चिमं गारुडं वक्त्रं वक्रतुण्डं महाबलम्| सर्वनागप्रशमनं विषभूतादिकृन्तनम्||||
उत्तरं सौकरं वक्त्रं कृष्णं दिप्तं नभोपमम्| पातालसिंहवेतालज्वररोगादिकृन्तनम्| ऊर्ध्वं हयाननं घोरं दानवान्तकरं परम्| येन वक्त्रेण विप्रेन्द्र तारकाख्यमं महासुरम्||||
जघानशरणं तस्यात्सर्वशत्रुहरं परम्| ध्यात्वा पंचमुखं रुद्रं हनुमन्तं दयानिधिम्||||
खड्गं त्रिशुलं खट्वांगं पाशमंकुशपर्वतम्| मुष्टिं कौमोदकीं वृक्षं धारयन्तं कमण्डलुं||||
भिन्दिपालं ज्ञानमुद्रा दशभिर्मुनिपुंगवम्| एतान्यायुधजालानि धारयन्तं भजाम्यहम्||१०||
प्रेतासनोपविष्टं तं सर्वाभरण्भुषितम्| दिव्यमाल्याम्बरधरं दिव्यगन्धानु लेपनम सर्वाश्चर्यमयं देवं हनुमद्विश्वतोमुखम्||११||
पंचास्यमच्युतमनेकविचित्रवर्णवक्त्रं शशांकशिखरं कपिराजवर्यम्| पीताम्बरादिमुकुटै रूप शोभितांगं पिंगाक्षमाद्यमनिशं मनसा स्मरामि||१२||
मर्कतेशं महोत्राहं सर्वशत्रुहरं परम्| शत्रुं संहर मां रक्ष श्री मन्नपदमुध्दर||१३||
ओम हरिमर्कट मर्केत मंत्रमिदं परिलिख्यति लिख्यति वामतले| यदि नश्यति नश्यति शत्रुकुलं यदि मुंच्यति मुंच्यति वामलता||१४||
ओम हरिमर्कटाय स्वाहा ओम नमो भगवते पंचवदनाय पूर्वकपिमुखाय सकलशत्रुसंहारकाय स्वाहा|
ओम नमो भगवते पंचवदनाय दक्षिणमुखाय करालवदनाय नरसिंहाय सकलभूतप्रमथनाय स्वाया|
ओम नमो भगवते पंचवदनाय पश्चिममुखाय गरूडाननाय सकलविषहराय स्वाहा|
ओम नमो भगवते पंचवदनाय उत्तरमुखाय आदिवराहाय सकलसंपत्कराय स्वाहा|
ओम नमो भगवते पंचवदनाय उर्ध्वमुखाय हयग्रीवाय सकलजनवशकराय स्वाहा|


हनुमानजी से सीधे अपने मन की बात कहिये इन सिद्ध शाबर हनुमान मंत्र से |


 सिद्ध  हनुमान शाबर मंत्र (Hindi)


1.    ॐ नमो बजर का कोठा,
जिस पर पिंड हमारा पेठा।
ईश्वर कुंजी ब्रह्म का ताला,
हमारे आठो आमो का जती हनुमंत रखवाला।
2.    हनुमान जाग.—- किलकारी मार.—- तू हुंकारे.—- राम काज सँवारे.—- ओढ़ सिंदूर सीता मैया का.—- तू प्रहरी राम द्वारे.—- मैं बुलाऊँ , तु अब आ.—- राम गीत तु गाता आ.—- नहीं आये तो हनुमाना.—- श्री राम जी ओर सीता मैया कि दुहाई.—- शब्द साँचा.—- पिंड कांचा.—- फुरो मन्त्र ईश्वरोवाचा.—-

हनुमान शाबर मंत्र के लाभ
गुरु गोरखनाथ जी और नवनाथ चौरासी सिद्धों के लिखे हुए हनुमान शाबर मंत्र एक तरह का वशीकरण मंत्र होते है. हनुमान शाबर मंत्र पहले से ही सिद्ध मंत्र हैं इसलिए इसे सिद्ध करने की जरूरत नहीं पड़ती. हनुमान शाबर मंत्र के प्रयोग से हनुमानजी तुरंत ही आपके मन की बात सुन लेते हैं।
हनुमान शाबर मंत्र का पाठ कैसे करे
हिन्दू धरम शास्त्रों के अनुसार  स्नान करके भगवान् श्री हनुमान की तस्वीर या मूर्ति के सामने हनुमान शाबर मंत्र का पाठ करे. सर्व प्रथम भगवान् श्री विष्णु का आवाहन करें और भगवान् श्री हनुमान को सर्व प्रथम आसन अर्पित करेंतत्पश्चात पैर धोने के लिए जल समर्पित करें  आचमन अर्पित करें ,स्नान हेतु जल समर्पित करें ,तिलक करें , धुप -दीप दिखाएं  ,प्रसाद अर्पित करें, आचमन हेतु जल अर्पित करें, तत्पश्चात नमस्कार करें तत्पश्चात हनुमान शाबर मंत्र का पाठ करे 


हनुमान पूजन सामग्री


  • लाल कपडा/लंगोट
  • जल कलश
  • पंचामृत
  • कंकु
  • जनेऊ
  • गंगाजल
  • सिन्दूर
  • चांदी/सोने का वर्क
  • लाल फूल और माला
  • इत्र
  • भुने चंने
  • गुड़
  • बनारसी पान का बीड़ा
  • नारियल
  • केले
  • सरसो का तेल
  • चमेली का तेल
  • घी
  • तुलसी पत्र
  • दीपक
  • धूप , अगरबत्ती
  • कपूर
हनुमान पूजन सामग्री  किसी भी किराने की दुकान या पूजन सामग्री की दुकान पर आसानी से मिल जाती हैं


हनुमान जी के चमत्कारी टोटके/उपाय


कलियुग में हनुमानजी अमरतत्व प्राप्त देवता है। इसीलिए वे साक्षात् अपने भक्तों की समस्याओं का समाधान कर उनकी रक्षा करते है। हिन्दू धरम शास्त्रों मैं कई सरल से हनुमान जी के टोटके बताये गए जो करने से हनुमान जी प्रसन्न होकर अपने भक्तो की सभी मनोकामनाये पूरी करते हैं
हनुमान जी के टोटके मंगलवार और शनिवार के दिन करने पर बहुत जल्दी सफल होते हैं। आज हम आपको बता रहे कुछ बहुत ही चमत्कारी हनुमान जी के टोटके  जो आप करके हनुमानजी से मनवांछित वरदान प्राप्त कर सकते हैं
हनुमान जी के टोटके  करते समय पवित्रता का बहुत ख्याल रखे



हनुमान जी के टोटके/उपाय 
धन प्राप्ति के लिए हनुमान जी के टोटके
  • रोज रात को सोते समय हनुमान जी की तस्वीर के सामने मिटटी के दीपक मैं सरसों के तेल का दिया जलायें और हनुमान चालीसा का पाठ करें।
  • अपने घर की उत्तर दिशा की दिवाल पर हनुमान जी तस्वीर टाँगे जिससे उनका मुख दक्षिण दिशा की तरफ देखते हुए हो, और उस तस्वीर की रोज पूजा करे।
  • हर मंगलवार/शनिवार को हनुमान मंदिर मैं जाकर हनुमान जी को बनारसी पान अर्पित करे
  • हर मंगलवार/शनिवार को हनुमान मंदिर मैं जाकर ११ बार हनुमान चालीसा का पाठ करे
कर्ज मुक्ति के लिए हनुमान जी के टोटके/उपाय
  • १ नारियल पर लाल चन्दन से स्वस्तिक बनाकर हनुमान मंदिर मैं हनुमानजी को अर्पित करे और उनके सामने ऋणमोचक मंगल स्तोत्र का पाठ करे
रोग मुक्ति के लिए हनुमान जी के टोटके/उपाय
  • मंगलवार  के दिन एक साबुत पानी वाला नारियल लेकर रोगी के सिर पर से 21 बार उसार कर हनुमान जी के मंदिर मैं आग में जला दे
  • हनुमान जी की मूर्ति के सर का सिंदूर सीधे हाथ के अगुठे से लेकर माता सीता जी के चरणों में लगाएं।
जब भी हनुमान जी के टोटके/उपाय  करे तो यह सावधानी जरूर रखे.
हनुमान जी के टोटके/उपाय मै सच्चे मन से विश्वास करे और पूरी पवित्रता से करे तभी वो सफल होगा.